अंकुरित भोजन

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🌺अंकुरित भोजन

🌼परिचय-
अंकुरित भोजन शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक संतुलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अंकुरित खाद्य केवल भोजन नहीं रह जाता बल्कि उसका स्टार्च ग्लूकोज में और प्रोटीन एमिनो एसिड में बदलकर सुपाच्य के साथ स्वास्थ्यवर्धक भी हो जाता है। इसलिए इसे पूर्व पचित भोजन (pre-digest) भी कहते हैं।
अंकुरित भोजन क्लोरोफिल, विटामिन (`ए´, `बी´, `सी´, `डी´ और `के´) कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, मैगनीशियम, आयरन, जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत होता है।

अंकुरित भोजन भूख बढ़ाने वाला, शरीर के जहरीले तत्व निकालने वाला मूत्रर्वधक होता है। अंकुरित भोजन आपको फिर से जवान बनाने वाला भोजन है जो मनुष्य को सुन्दर स्वस्थ और रोग से छुटकारा दिलाता है। अंकुरित भोजन शरीर को ऊर्जा देने का अच्छा स्रोत है। यह जल्द और आसानी से शरीर द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है।

🌾लाभकारी-
अंकुरित भोजन कुपोषण को दूर करता है।
अंकुरित भोजन पेट की गैस व कब्ज को दूर करता है।
अंकुरित भोजन रोगों को ठीक करने वाला होता है।

जानकारी-
🌻 मंहगे फल और सब्जियों की जगह अंकुरित भोजन ले सकते हैं। यह सस्ता, सरल और बनाने में आसान है। इसलिए यह सभी के बजट के अनूकूल होता है। अंकुरित भोजन व्यक्ति को नया जीवन देने वाला होता है और इसमें कोई मिलावट भी नहीं होती है।

🌸अंकुरित किये जाने वाले खाद्य-पदार्थ :
गेहूं, मूंग, मोठ, सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, तिल, चना, अल्फाल्फा, अन्न, दालें और बीज आदि अंकुरित किये जा सकते हैं।

🌼अंकुरित करने की विधि-
सूखे अनाज व दाल आदि जिसे भी अंकुरित करना हो उसे धोकर एक पानी से भरे बर्तन में भिगो दें फिर 12 घंटे बाद पानी से निकालकर कपडे़ आदि में ऐसे रखें कि उन्हें नमी और हवा मिलती रहे। इसके 12 से 30 घंटे के बीच अंकुर फूटनी चालू हो जाती है।
🌼अब आपका अंकुरित भोजन तैयार हो गया है। इस स्थित में इसे धो लें और इसका प्रयोग करें।

🍂अंकुरित भोजन को कैसे खायें :-
अंकुरित भोजन को कच्चा, अधपका और बिना नमक आदि के प्रयोग करने से लाभ होता है।
🌸एक दलीय अंकुरित (गेहूं, बाजरा, ज्वार, मक्का आदि) के साथ मीठी खाद्य (खजूर, किशमिश, मुनक्का तथा शहद आदि) एवं फल लिए जा सकते हैं।
💐द्विदलीय अंकुरित (चना, मूंग, मोठ, मटर, मूंगफली, सोयाबीन, आदि) के साथ टमाटर, गाजर, खीरा, ककड़ी, शिमला मिर्च, हरे पत्ते (पालक, पुदीना, धनिया, बथुआ आदि) और सलाद, नींबू मिलाकर खाना बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्यदायक होता है।
🥀बच्चे व बूढ़े के लिए अंकुरित भोजन के मिश्रण को पीसकर लपसी जैसा बना लें और धीरे धीरे चटायें या पिलायें।
अंकुरित भोजन को कच्चा ही खायें क्योंकि पकाकर खाने से इसके पोषक तत्वों की मात्रा एवं गुण में कमी आ जाती है।

🌻नाश्ते के लिये अंकुरित भोजन
अंकुरित भोजन शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है इसे फल के साथ खाने से ज्यादा लाभ होता है। अगर फल न हो तो केवल अंकुरित भोजन ही खायें। अंकुरित भोजन केवल भिगोये हुए दाने से कहीं ज्यादा लाभदायक होता है क्योंकि इसमें अंकुरण के समय शरीर के लिए लाभदायक तत्व पैदा हो जाते हैं। दोनों के अन्दर एन्जाइम में भी बदलाव होते हैं। ये एन्जाइम दाने के अन्दर प्रोटीन को अमीनो अम्ल में और कार्बोहाइड्रेट को साधारण शक्कर में बदल देता है। ऐसे ही वसा पदार्थ को भी छोटे छोटे भागों में बांट दिया जाता है। इसके अलावा विटामिन आदि का निर्माण भी इसी समय होता है और खासकर विटामिन `ए´, `ई´, और `के´, की मात्रा इस समय भरपूर मात्रा में पायी जाती है।
🌼 विटामिन `के´ खून का थक्का बनाने में मदद करता है और इसके साथ यह जिगर के पूरे कार्य प्रणाली के लिये जरूरी होता है। अंकुरित होने वाले भोजन में काले चने, मटर, मसूर, मूंग, गेहूं, सोयाबीन और मूंगफली मुख्य रूप में होते हैं।

🌺जानकारी-
अंकुरित दानों का सेवन केवल सुबह नाश्ते के समय ही करते हैं। इन अंकुरित दानों को कच्चा ही खाया जाता है। इनमें 2 या 3 प्रकार के अंकुरित दाने मिला सकते हैं। यदि आपको ये अंकुरित दाने कच्चे खाने में अच्छे नहीं लगते तो आप इन्हें हल्का सा पका सकते हैं। फिर इसमें कटे हुए प्याज, कटे छोटे कटे हुए प्याज, कटे छोटे टमाटर के टुकड़े, बारीक कटी हुई मिर्च, बारीक कटी हुई धनिया एकसाथ मिलाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर खाने से अच्छा स्वाद मिलता है।
स्नेहा समुह

‘हींग का पानी’ पीने के असरदार फायदे

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‘हींग का पानी’ पीने के ऐसे असरदार फायदे जो आपने कभी नहीं सुने होंगे

1. कब्ज की शिकायत होने पर हींग का प्रयोग लाभ देगा। रात को सोने से पहले हींग के चूर्ण को पानी में मिलाकर पिएं और सुबह देखें असर। सुबह पेट पूरी तरह से साफ हो जाएगा।

2. अगर भूख नहीं लगती या भूख लगना कम हो गया है, तो भोजन करने से पहले हींग को घी में भूनकर अदरक और मक्खन के साथ लेने से फायदा होगा और भूख खुलकर लगेगी।

3. त्वचा में कांच, कांटा या कोई नुकीली चीज चुभ जाए और निकालने में परेशानी आ रही हो, तो उस स्थान पर हींग का पानी या लेप लगाएं। चुभी हुई चीज अपने आप ही बाहर निकल आएगी।

4. अगर कान में दर्द हो रहा हो, तो तिल के तेल में हींग को गर्म करके, उस तेल की एक-दो बूंद कान में डालने से कान का दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।

5. दांतों में कैविटी होने पर भी हींग आपके लिए काम की चीज साबित हो सकता है। अगर दांतों में कीड़े हैं, तो रात को दांतों में हींग लगाकर या दबा कर सो जाएं। कीड़े अपने आप निकल आएंगे।

कब्ज,वायुविकार,अजीर्ण का उपचार

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1:- अदरक की चटनी मे नमक मिलाकर चाटने से गैस पास होने लगती है
अदरक के रस में नींबू पुदीने का रस मिलाकर पीने से आराम मिलता है

2:- सौंठ +काली मिर्च +पीपल को बराबर मात्रा में तीनो को मिलाकर चूर्ण चूर्ण की
सुबह श्याम एक एक चमच्च ले कब्ज दूर होगी

3:- अदरक और सूखे धनिये का काढा बनाकर पीने से कब्ज दूर होगी

4:- रात में दूथ में दो चम्मच इसबगोल मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है

5:- गर्म पानी में नींबू डालकर पीने से भी कब्ज दूर होती है

6:- रात्री में ताबे के बर्तन में रखा पानी सुबह उठते ही पीये फिर शौच के लिए जाये
इससे कब्ज के साथ साथ बालो का झडना मे बहुत फायदेमंद है

7:- रात में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म दूध से लेने पर कब्ज दूर होती है यदि दूध न हो तो गर्म पानी स् भी ले सकत् हैं

8:- कब्ज होने पर हिंग को हल्का गर्म करक् पानी से ल् और हिंग का लेप नाभी क् चारो तरप लगाये

9:- सौंठ +हरड़ +अजवायन को समान मात्रा में पानी मे उबाले तथा इसमे मे नमक मिलाकर पीये

10:- आधा चम्मच पीपल का चूर्ण गुड मिलाकर लेने से कब्ज दूर होती है

11:- खट्टी छाछ में सैधा नमक मिलाकर पीने से भी कब्ज दूर होती है

12:- भूनी हिंग +भुना जीरा +सौंठ +सैधा नमक समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें गुनगुने पानी से लेने स् कब्ज दूर होती है

13:- कच्ची गाजर खाने से भी कब्ज दूर होती है

14:- आंवले का मुरब्बा या आंवले का चूर्ण लेने से भी कब्ज दूर होती है

15:- गिलोय का चूर्ण गुड के साथ लेने से कब्ज दूर होती है

16:- रात्री में दूध मे एक चमच्च अंरड का तेल मिलाकर पीने से कब्ज दूर होती है

17:- प्रतिदिन 25 मिली लीटर ताजा गौ मूत्र सुबह खाली पेट लेने से कब्ज दूर होती है

18:- यदि खाना नहीं पचता है तो फालसे के रस के साथ सैधा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीये
फालसे पित्त विकारो में भी बहुत कारगर है

19:- कमजोरी से पैदा हुई अपच या पेट दर्द मे कचचा लहसुन चबाकर खाने से लाभ मिलता है
20:- कच्चे प्याज का रस पेट दर्द,बदहजमी, वायुविकार, और अफारा में लाभदायक होता है
अमर बलिदानी श्री राजीव दीक्षित जी की पुस्तक गंभीर रोगों की चिकित्सा से

गैस सदा के लिए खत्म करे

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☘ काली हरड़ यानि की छोड़ी हरड़ को पानी से धोकर किसी साफ कपड़े से पौंछ कर रख लें।

👉दोनो समय भोजन के पश्चात एक हरड़ या दो हरड़ को मुहँ में रखकर चूस लिया करें।

👉लगभग एक घंटे में हरड़ में घुल जाती है।

👉यह गैस और कब्ज के लिये सर्वश्रेष्ठ दवा है ।

👉यह पेट के समस्त रोगों में लाभदायक है।

👉पेट ठीक तो 80% बीमारियां हमे होती ही नही।

💥हरड़ खत्म हो जाने के बाद अगर आपने हलका सा बिना मशाले वाला गुड़ चूस लिया तो सोने पर सुहागा हो जायेगा।💥

☘ विशेष ☘

💥इससे गैस की शिकायत दूर होती है शौच खुलकर आती है भूख खूब लगने लगती है।

💥पाचन शक्ति बढती है। जिगर के रोग और आँतड़ियों की वायु नष्ट होती है रक्त शुद्ध होता है ।

💥चर्म रोग नहीं होता है।

💥सिरगेट- बीड़ी का अभ्यास छूट जाता है ।

💥यह प्रयोग लगातार करने से शरीर को बीमार होने की नोबत ही नही आती है।

गर्म पानी के फायदे

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अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो रोजाना एक गिलास गर्म पानी पीना शुरू कर दें। आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री हो जाएगी व ग्लो करने लगेगी।

लड़कियों को पीरियड्स के दौरान अगर पेट दर्द हो तो ऐसे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है। दरअसल इस दौरान होने वाले पैन में मसल्स में जो खिंचाव होता है उसे गर्म पानी रिलैक्स कर देता है।

गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कते खत्म हो जाती है व कब्ज और गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं।

भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पीएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा।

खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। दिल की जलन कम हो जाती है। वात से उत्पन्न रोगों में गर्म पानी अमृत समान फायदेमंद हैं।

गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है। दरअसल गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है। पसीने के माध्यम से शरीर की सारे जहरीले तत्व बाहर हो जाते हैं।

बुखार में प्यास लगने पर मरीज को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्म पानी ही पीना चाहिए बुखार में गर्म पानी अधिक लाभदायक होता है।

यदि शरीर के किसी हिस्से में गैस के कारण दर्द हो रहा हो तो एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस बाहर हो जाती है।

अधिकांश पेट की बीमारियां दूषित जल से होती हैं यदि पानी को गर्म कर फिर ठंडा कर पीया जाए तो जो पेट की कई अधिकांश बीमारियां पनपने ही नहीं पाएंगी।

गर्म पानी पीना बहुत उपयोगी रहता है इससे शक्ति का संचार होता है। इससे कफ और सर्दी संबंधी रोग बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।

दमा ,हिचकी ,खराश आदि रोगों में और तले भुने पदार्थों के सेवन के बाद गर्म पानी पीना बहुत लाभदायक होता है।

सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर पीने से शरीर को विटामिन सी मिलता है। गर्म पानी व नींबू का कॉम्बिनेशन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।साथ ही पी.एच. का स्तर भी सही बना रहता है।

रोजाना एक गिलास गर्म पानी सिर के सेल्स के लिए एक गजब के टॉनिक का काम करता है। सिर के स्केल्प को हाइड्रेट करता है जिससे स्केल्प ड्राय होने की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है।

वजन घटाने में भी गर्म पानी बहुत मददगार होता है। खाने के एक घंटे बाद गर्म पानी पीने से मेटॉबालिम्म बढ़ता है। यदि गर्म पानी में थोड़ा नींबू व कुछ बूंदे शहद की मिला ली जाएं तो इससे बॉडी स्लिम हो जाती है।

सर्दियों में अंजीर खाना है लाभकारी

अंजीर
अंजीर एक ऐसा फल है जिसका उत्पादन मनुष्य द्वारा बहुत पहले से हो रहा है। अंजीर साल भर नहीं उगता है इसलिए इसके सूखे रूप का ही ज़्यादातर इस्तेमाल होता है, जो हमेशा बाजार में उपलब्ध होता है। अंजीर किसी भी व्यंजन में इस्तेमाल करने पर एक अलग ही स्वाद ला देता है। क्या आपको पता है कि अंजीर के कितने स्वास्थ्यवर्द्धक गुण हैं-
• हजम शक्ति को बढ़ाता है
अंजीर में फाइबर उच्च मात्रा में होता है, जैसे- अंजीर में तीन टुकड़ों में 5 ग्राम फाइबर होता है, जो रोज के 20त्न ज़रूरत को पूरा करने में समर्थ होता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ की बीमारी और पेट संबंधी समस्या से राहत मिलती है।
• वज़न घटाने में सहायता करता है
अंजीर में फाइबर उच्च मात्रा में होने के साथ-साथ कैलोरी कम होता है। अंजीर के एक टुकड़े में 47 कैलोरी होता है और फैट 0.2 ग्राम होता है। इसलिए वज़न घटाने वालों के लिए यह एक आदर्श स्नैक्स बन सकता है।
• उच्च रक्तचाप से बचाता है
अगर आप आहार में नमक ज़्यादा लेते हैं तो वह शरीर में सोडियम के स्तर को बढ़ाने में सहायता करता है। इससे शरीर में सोडियम-पोटाशियम के स्तर का संतुलन बिगड़ जाता है जिसके कारण उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। अंजीर इस संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है क्योंकि एक सूखे अंजीर में 129 मिलीग्राम पोटाशियम और 2 मिलीग्राम सोडियम होता है।
• एन्टीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है
सूखे अंजीर में एन्टीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। विनसन जे.ए. और उनके सहयोगियों के एक अध्ययन के अनुसार प्राकृतिक अंजीर में सूखे अंजीर के तुलना में कम एन्टीऑक्सिडेंट्स के गुण होते हैं। इसमें दूसरे एन्टीऑक्सडेंट प्रदान करने वाले खाद्द पदार्थों की तुलना में ज़्यादा एन्टीऑक्सिडेंट होता है।
• दिल को स्वस्थ रखता है
इसमें उच्च मात्रा में एन्टीऑक्सडेंट गुण होने के कारण यह शरीर से फ्री-रैडिकल्स को दूर करने में मदद करता है जिससे रक्त कोशिाकाएं स्वस्थ रह पाती है और दिल की बीमारी का खतरा कुछ हद तक कम हो जाता है।
• कैंसर से रक्षा करता है
एन्टीऑक्सिडेंट गुण से भरपूर अंजीर फ्री-रैडिकल्स के क्षति से डी.एन.ए. की रक्षा करता है जिससे कैंसर होने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है। पढ़े-� ऑस्टियोपोरोसिस की दवा गर्भाशय कैंसर के खतरे को करता है कम
• हड्डियों को शक्ति प्रदान करता है
एक सूखे अंजीर में 3त्न कैल्सियम होता है जो शरीर के लिए कैल्सियम के ज़रूरत को पूरा करने में सहायता करता है। दूसरे कैल्सियम युक्त खाद्द पदार्थों के साथ यह मिलकर हड्डियों को शक्ति प्रदान करता है।
• प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य को उन्नत करता है
प्राचीन काल से सेक्स के लिए उत्तेजना प्रदान करने के लिए अंजीर का सेवन किया जाता रहा है। अंजीर फर्टिलटी में सहायता करता है। क्योंकि इसमें जो जिन्क, मैंगनीज, और मैग्नेशियम होता है वह प्रजनन स्वास्थ्य को उन्नत करने में बहुत सहायता करता है।

कच्चा प्याज करता है ह्रदय की सुरक्षा

कच्चा प्याज

कच्चा प्याज खाने के अनेकों फायदे हैं| नीचे पढ़ें-
१) कब्ज मिटाता है-प्याज में मौजूद रेशा पेट में चिपके भोजन को बाहर निकालने में सहायक है| इससे पेट साफ़ हो जाता है| कब्ज दूर करने के लिए कच्चा प्याज खाना चाहिए|
२) गले की खराश में उपयोगी -सर्दी ,कफ अथवा खराश से पीड़ित होने पर कच्चे प्याज का रस पीना लाभ दायक है| आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा शहद या गुड मिलाकर सेवन कर सकते हैं|
३) रक्तस्राव रोकता है – प्याज को काटकर सूंघने से नाक से खून निकलने की समस्या दूर होती है| मस्से (पाईल्स ) में सफ़ेद प्याज खाना हितकारी है|
४) मधुमेह नियंत्रण – कच्चा प्याज शरीर में इंसुलिन उत्पादन करता है| इससे डायबिटीज में लाभ होता है| अगर आप शुगर पीड़ित हैं तो सलाद में नियमित रूप से प्याज सेवन करते रहें|
५) दिल की सुरक्षा- कच्चा प्याज उच्च रक्त चाप को नार्मल करता है| और बंद खून की नालियों को खोलता है | प्याज खाने से दिल की बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है|
६) कोलेस्ट्रोल घटाता है- इसमें मिथाईल सल्फाईड और अमीनो एसिड होता है जो शरीर के खराब कोलेस्ट्रोल को घटाकर अच्छे कोलेस्ट्रोल की वृद्धि करता है|
७) केंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकता है- प्याज में प्रचुर सल्फर तत्त्व होता है| सल्फर पेट, कोलोन,ब्रेस्ट,फेफड़े और प्रोस्टेट केंसर से बचाता है| इसके अलावा यह मूत्र पथ की समस्याओं से भी निजात दिलाता है|
८) खून की कमी दूर करता है- प्याज में उपस्थित सल्फर में एक विशेष तेल रहता है जो एनीमिया ठीक करने में सहायक है| प्याज को पकाने पर यह तत्त्व खत्म हो जाता है| इसलिए कच्चा प्याज खाना उचित है|

गुणकारी अमृत फल एवं दिव्य औषधि ‘बेल’

बेल बेल रस
आयुर्वेद में बेल को अत्यन्त गुणकारी फल माना जाता है। यह एक ऐसा फल है जिसके पत्ते, जड़ और छाल भी उपयोगी हैं। बेल पत्र इसी बेल नामक फल की पत्तियाँ हैं जिनका प्रयोग पूजा में किया जाता है।
उष्ण कटिबंधीय फल बेल के वृक्ष हिमालय की तराई, मध्य एवं दक्षिण भारत बिहार, तथा बंगाल में घने जंगलों में अधिकता से पाए जाते हैं। चूर्ण आदि औषधीय प्रयोग में बेल का कच्चा फल, मुरब्बे के लिए अधपक्का फल और शर्बत के लिए पका फल काम में लाया जाता है।
इसके कुछ घरेलू इलाज निम्न लिखित हैं किन्तु इनका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श कर लेना उचित है –
1. आँखें दुखने पर पत्तों का रस, स्वच्छ पतले वस्त्र से छानकर एक-दो बूँद आँखों में टपकाएँ। दुखती आँखों की पीड़ा, चुभन, शूल ठीक होकर, नेत्र ज्योति बढ़ेगी।
2. सौ ग्राम पानी में थोड़ा गूदा उबालें, ठंडा होने पर कुल्ले करने से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।
3. रक्त शुद्धि के लिए बेलवृक्ष की पचास ग्राम जड़, बीस ग्राम गोखरू के साथ पीस-छान लें। सुबह एक छोटा चम्मच चूर्ण आधा कप खौलते पानी में घोंलें। मिश्री या शहद मिला कर गरमा-गरम घूँट भरें। कुछ ही दिनों में लाभ दिखाई देने लगेगा।
4. गर्मियों में लू लगने पर इस फल का शर्बत पीने से शीघ्र आराम मिलता है तथा तपते शरीर की गर्मी भी दूर होती है।
5. पके बेल में चिपचिपापन होता है इसलिए यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है। यह फल पाचक होने के साथ-साथ बलवर्द्धक भी है।
6. पके बेल का शर्बत पीने से पेट साफ रहता है। यह रस शीतलता देने वाला और वीर्यवर्धक होता है ।
7. इसके पके फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है, खून में भी वृद्धि होती है।
8. बेल का मुरब्बा शरीर की शक्ति बढ़ाता है तथा सभी उदर विकारों से छुटकारा भी दिलाता है।
9. भूख कम हो, कब्ज हो, जी मिचलाता हो तो इसका गूदा पानी में मथ कर रख लें और उसमें चुटकी भर लौंग, काली मिर्च का चूर्ण, मिश्री मिला कर कुछ दिन लेने से भूख बढ़ेगी, कब्ज की शिकायत खत्म हो जाएगी।
10. सिर दर्द में बेल पत्र के रस से भीगी पट्टी माथे पर रखें। पुराना सर दर्द होने पर ग्यारह पत्तों का रस निकाल कर पी जाएँ। गर्मियों में इसमें थोड़ा पानी मिला ले। कितना ही पुराना सर दर्द ठीक हो जाएगा।
11. मोच अथवा अन्दरूनी चोट में बेल पत्रों को पीस कर थोड़े गुड़ में पकाइए। इसे थोड़ा गर्म पुल्टिस बन पीडित अंग पर बाँध दें। दिन में तीन-चार बार पुल्टिस बदलने पर आराम आ जाएगा।
12. बिल्वपत्र ज्वरनाशक, वेदनाहर, कृमिनाशक, संग्राही (मल को बाँधकर लाने वाले) व सूजन उतारने वाले हैं। ये मूत्र के प्रमाण व मूत्रगत शर्करा को कम करते हैं। शरीर के सूक्ष्म मल का शोषण कर उसे मूत्र के द्वारा बाहर निकाल देते हैं। इससे शरीर की आभ्यंतर शुद्धि हो जाती है। बिल्वपत्र हृदय व मस्तिष्क को बल प्रदान करते हैं। शरीर को पुष्ट व सुडौल बनाते हैं।
13. पके फल के सेवन से वात-कफ का शमन होता है।
14. बच्चों के पेट में कीड़े हों तो इस फल के पत्तों का अर्क निकालकर पिलाना चाहिए।
15. बेल की छाल का काढ़ा पीने से अतिसार रोग में राहत मिलती है।
16. बेल के गूदे को खांड के साथ खाने से संग्रहणी रोग में राहत मिलती है।
17. छोटे बच्चों को प्रतिदिन एक चम्मच पका बेल खिलाने से शरीर की हड्डियाँ मजबूत होती हैं।
18. कभी दस्त लगे, कभी कब्ज हो जाए तो यह स्थिति बड़ी कष्टदायक होती है। ऐसे में पके बेल को शर्बत या पानी में मथ कर कुछ दिन लगातार लेने से लाभ होता है।
19. किसी प्रकार के घाव पर इसके पत्तों को पीस कर बांधने से घाव जल्दी भरता है।
20. खूनी बवासीर में इसका चूर्ण मिश्री मिला कर एक सप्ताह तक पानी में लेने से लाभ होता है।
21. बलवृद्धि के लिए इसका चूर्ण और मिश्री दूध में मिला कर लेने से लाभ होता है। इसे कुछ दिन लगातार लेने से खून की कमी, शारीरिक दुर्बलता एवं धातुदोष दूर होते हैं।
22. इसकी छाल का काढ़ा बना कर शहद मिला कर पीने से किसी भी तरह की उल्टी से राहत मिलती है।