असमय आने वाले वृद्धत्व को रोकने के लिए

💁🏻 पहला प्रयोगः त्रिफला एवं मुलहठी के चूर्ण के समभाग मिश्रण में से 1 तोला चूर्ण दिन में दो बार खाने से असमय आनेवाला वृद्धत्व रुक जाता है।

💁🏻 दूसरा प्रयोगः आँवले एवं काले तिल को बराबर मात्रा में लेकर उसका 1 से 2 ग्राम बारीक चूर्ण घी या शहद के साथ लेने से असमय आने वाला बुढ़ापा दूर होता है एवं शक्ति आती है।

5 जड़ी-बूटियों से दूर करें पित्‍त दोष की समस्‍या

1 . पित्‍त दोष को दूर करने वाली जड़ी-बूटी
पित्‍त का अभिप्राय हमारे शरीर की गर्मी से है। शरीर को गर्मी देने वाले तत्‍व को पित्‍त कहते है। पित्‍त शरीर को पोषण और बल देने वाला है। लारग्रंथि, अमाशय, अग्नाशय, लीवर व छोटी आंत से निकलने वाला रस भोजन को पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यानी पित्त एक प्रकार का पाचक रस होता है जिसका पाचनक्रिया में महत्वपूर्ण कार्य होता है। यह आंतों को उसके कार्य को करने में मजबूती प्रदान करता है तथा उन्हें क्रियाशील बनाए रखता है। आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष शरीर की चयापचय क्रियाओं को नियंत्रित करता है। पानी और अग्नि से बना यह दोष पाचन की प्रक्रिया को नियमित करने में मदद करता है। लेकिन पित्त के बढ़ जाने से हमें त्‍वचा पर चकत्‍ते, हार्टबर्न, डायरिया, एसिडिटी, बालों का असमय सफेद या बाल पतले होना, नींद न आना, चिडचिडापन, पसीना आना और क्रोध आदि जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन घबराइए नहीं क्‍योंकि कुछ जड़ी-बूटियों के उपयोग पित्‍त दोष को संतुलित किया जा सकता है। आइए ऐसी ही कुछ जड़ी-बूटियों की जानकारी लेते हैं।

2 . लीवर की कार्यक्षमता बढ़ाती है इलायची
पित्त दोष से ग्रस्त लोगों के लिए इलायची ठंडे मसाले की तरह काम करती है क्योंकि यह लीवर की कार्यक्षमता बढ़ाती है तथा प्रोटीन के चयापचय में सहायक होती है। पित्‍त दोष होने पर 2 से 3 चम्‍मच कैस्‍टर ऑयल के सेवन से पेट साफ करें। फिर 10 ग्राम छोटी इलायची, 10 ग्राम दालचीनी, 10 ग्राम पीपल तीनों को लेकर पीस लें। फिर इसमें 25 ग्राम मिश्री मिलाकर पीस लें। इसे आधा चम्‍मच मक्‍खन के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से पित्‍त दोष में लाभ होता है।

3 . तीनों दोषों को संतुलित करता है त्रिफला
त्रिफला शरीर में सभी प्रकार के दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। त्रिफला आंवला, हरड़ और बहेड़ा नामक तीन फलों के मिश्रण से बना चूर्ण है। आंवला प्राकृतिक एंटीऑक्‍सीडेंट की तरह काम करके प्रतिरक्षा प्रणाली को पोषण प्रदान करता है। हरड़ में लेक्सेटिव गुण पाए जाते हैं और बहेड़ा तरोताजा करने वाली जड़ी-बूटी है जो विशेष रूप से श्वसन तंत्र के अच्छी तरह कार्य करने में सहायक होती है। आंत से जुड़ी समस्याओं में भी त्रिफला खाने से काफी राहत मिलती है। त्रिफला के सेवन से आंतों से पित्त रस निकलता है, जो पेट को उत्तेजित करता है और अपचन की समस्या को दूर करता है।

4 . ब्रेन टॉनिक ब्राह्मी
ब्राह्मी बहुत ही ताकतवर हर्ब है, जिसे ब्रेन टॉनिक कहा जाता है यानी यह मस्तिष्‍क के लिए बहुत प्रभावी रूप से काम करती है, जिसके कारण एकाग्रता, याद्दाश्‍त और सीखने की क्षमता बढ़ती है। लेकिन ब्राह्मी मानसिक परेशानियों के साथ-साथ शारीरिक समस्‍या से निपटने में भी सहायक होती है। ब्राह्मी अपनी ठंडी प्रवृत्ति के कारण शरीर में पित्त दोष को संतुलित करती है और शरीर को ठंडा रखती है। इसके परिणामस्वरूप शरीर का चयापचय क्रिया सही तरह से काम करती है।

5 . केसर और शतावरी
केसर में ठंडक पहुंचाने की विशिष्‍टता होती है। इसलिए जो लोग बढ़े हुए पित्‍त दोष के कारण अर्थराइटिस, मुंहासों या हेपेटाइटिस की समस्‍या से परेशान हैं उनके लिए केसर बहुत लाभाकरी होती है। कई शोधों से यह बात पता चली है कि कि केसर में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जिससे यह सूजन और कैंसर से रक्षा करता है। शतावरी एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसमें पित्त को कम करने और पित्त से आराम दिलाने के गुण होते हैं जिसके कारण इसका उपयोग अपचन, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और हार्टबर्न के उपचार में किया जाता है। इसके अलावा यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मजबूत और व्यवस्थित करने में मदद करती है।

🌷जो अकेले रहते हैं, उनकी सेहत के लिए।🌷

Mix of dried fruits

अपने साथ
भुने चने
भुनी मूंगफली
चावल के मुरमुरे
मक्की के पीले परमल रखें।
जब भूख लगे, खाएं।
सुबह या कभी भी जब मन करे,दूध की जगह
Amul या पतंजलि के मिल्क पौडर की 3-4 चम्मच ऐसे ही खा लिया करें।
छाछ हर जगह मिलती है,आधा लीटर दिन में एक बार कभी भी पानी की जगह ले लिया करें,केल्शियम की पूर्ति होगी,एसिडिटी नहीं होगी।
जब मन या समय हो मौसम के 2 सस्ते फल रोज बदल बदल कर खाएं,छुरी अपने साथ रखें।

जलजीरा के 2 पाउच हमेशा अपने साथ रखें,दिन में कभी भी पानी में घोलें और पियें।

नाश्ते में कभी कुछ न हो तो
4 पिस्ता
4 बादाम
2 अखरोट
8 किशमिश
बहुत धीरे धीरे चबा कर खा लिया करें।
घर में सूखा नारियल और गुड़ हमेशा रखें,जब मन हो या कुछ खाने की इच्छा हो,नारियल के टुकड़े के साथ थोड़ा गुड़ खा लें।
बिस्कुट,नमकीन,कचौड़ी, समोसे से बचें।
साथियों की परवाह न कर जब भी खाना खाएं,उसके साथ
टमाटर
प्याज
धनिया हरा
लहसुन
हरी मिर्च
जो मिले और अच्छा लगे, सलाद के तौर पर खाएं।
मुरब्बे वाला एक आंवला रोज,
नीबू किसी भी रूप में एक रोज
रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला रोज व सुबह व रात को पतंजलि का मंजन करने का नियम बना लें।
नहाने के बाद
सिर में
नाक में
नाभि में
सरसों का तेल लगाएं।
रोज एक घण्टा अच्छा साहित्य पढ़ें।
मन्दिर जाएं।
सुबह, शाम घूमने जाएं।
सुबह घर में भजन या जो संगीत अच्छा लगे बजाएं।

सम्भव हो तो बदल बदल कर
दूध दलिया
दाल दलिया
सब्जी दलिया
स्वयं बनाकर खाएं।
कुकर स्टील का ही लें।RO का पानी, कोई भी कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम बिल्कुल न लें।
30 दिन में आपको स्वयं में परिवर्तन लगेगा।
🍃🌻🍃🌻🍃🌻🍃🌻🍃 कालरा अजमेर

त्रिफला से कायाकल्प

Thriphla.jpg

त्रिफला का अनुपात :- 1:2:3=1(हरड )+2(बहेड़ा )+3(आंवला )
मतलब जैसे आपको 120 ग्राम त्रिफ़ला बनाना है तो :: 20 ग्राम हरड+40 ग्राम बहेडा+60 ग्राम आंवला लेवे |

त्रिफला से कायाकल्प:-
मौसम के अनुसार त्रिफला ले:-
हमारे यहाँ वर्ष भर में छ: ऋतुएँ होती है।
प्रत्येक ऋतू में दो दो मास होते है
1.शिशिर ऋतू में ( 14 जनवरी से 13 मार्च) 5 ग्राम त्रिफला को आठवां भाग छोटी पीपल का चूर्ण मिलाकर सेवन करें।
2.बसंत ऋतू में (14 मार्च से 13 मई) 5 ग्राम त्रिफला को बराबर का शहद मिलाकर सेवन करें।
3.ग्रीष्म ऋतू में (14 मई से 13 जुलाई ) 5 ग्राम त्रिफला को चोथा भाग गुड़ मिलाकर सेवन करें।
4.वर्षा ऋतू में (14 जुलाई से 13 सितम्बर) 5 ग्राम त्रिफला को छठा भाग सैंधा नमक मिलाकर सेवन करें।
5.शरद ऋतू में(14 सितम्बर से 13 नवम्बर) 5 ग्राम त्रिफला को चोथा भाग देशी खांड/शक्कर मिलाकर सेवन करें।
6.हेमंत ऋतू में (14 नवम्बर से 13 जनवरी) 5 ग्राम त्रिफला को छठा भाग सौंठ का चूर्ण मिलाकर सेवन करें।
इस तरह इसका सेवन लगातार 11 वर्ष तक सेवन करने से 100% कायाकल्प हो जाएगा
1.एक वर्ष तक नियमित सेवन करने से शरीर चुस्त होता है।
2.दो वर्ष तक नियमित सेवन करने से शरीर निरोगी हो जाता हैं।
3.तीन वर्ष तक नियमित सेवन करने से नेत्र-ज्योति बढ जाती है।
4.चार वर्ष तक नियमित सेवन करने से त्वचा कोमल व सुंदर हो जाती है।
5.पांच वर्ष तक नियमित सेवन करने से बुद्धि का विकास होकर कुशाग्र हो जाती है।
6.छः वर्ष तक नियमित सेवन करने से शरीर शक्ति में पर्याप्त वृद्धि होती है।
7.सात वर्ष तक नियमित सेवन करने से बाल फिर से सफ़ेद से काले हो जाते हैं।
8.आठ वर्ष तक नियमित सेवन करने से वर्ध्दाव्स्था से पुन: योवन लोट आता है।
9.नौ वर्ष तक नियमित सेवन करने से नेत्र-ज्योति कुशाग्र हो जाती है और शुक्ष्म से शुक्ष्म वस्तु भी आसानी से दिखाई देने लगती हैं।
10.दस वर्ष तक नियमित सेवन करने से वाणी मधुर हो जाती है यानी गले में सरस्वती का वास हो जाता है।
11.ग्यारह वर्ष तक नियमित सेवन करने वचन सिद्ध हो जाता हैं।

घरेलू दंतमंजन

choorn

बादाम का छिलका जलाकर उसमें चौथाई हिस्सा फिटकरी मिलाकर बारीक पीस लें। इसका प्रतिदिन मंजन करना चाहिए। इससे दांतों के सभी रोग दूर हो जाते हैं तथा दांत निरोग रहता है।
➗➗➗➗➗➗➗
5 ग्राम सेंकी हुई फिटकरी, 60 ग्राम त्रिफला चूर्ण, 15 लौंग, 8 ग्राम सेंधा नमक, 10 ग्राम माजूफल को एक साथ पीसकर मैदा की छलनी से छान लेते हैं। इसे प्रतिदिन भोजन करने के बाद सुबह-शाम दांतों की जड़ों व मसूढ़ों पर लेप करें और 15 मिनट तक लगा रहने दें और लार को टपकाते रहें। इससे दांतों का दर्द दूर हो जाता है तथा दांत मजबूत हो जाते हैं।
➗➗➗➗➗➗➗
लगभग 125 ग्राम लाल फिटकरी को सेंककर राख बनाकर इसमें 25-25 दाने कालीमिर्च, लौंग तथा 30 ग्राम सेंधा नमक को बहुत बारीक पीसकर सुबह-शाम 2 बार रोजाना मंजन करें। मंजन दांतों के बाहर भीतर दोनों ओर करें तथा 10 मिनट बाद कुल्ला करें। इससे पायरिया, रक्तस्राव तथा दांत दर्द में लाभ मिलता है। इस मंजन को एक सप्ताह तक लगातार करने से बहुत लाभ मिलता है।
➗➗➗➗➗➗➗
100 ग्राम भुनी हुई फिटकरी, 20 ग्राम पिसी हुई लौंग, 100 ग्राम पिसी हुई हल्दी, 100 ग्राम पिसा हुआ सेंधा नमक, 100 ग्राम नीम के पिसे हुए पत्ते या छाल या बबूल की छाल इन सभी को मिलाकर बारीक पीसकर पाउडर बना लें। इससे प्रतिदिन मंजन करने से दांतों के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं।
➗➗➗➗➗➗➗
फिटकरी 8 ग्राम तथा सेंधा नमक 4 ग्राम को बारीक पीसकर मंजन बना लें। इस मंजन को प्रतिदिन दांतों पर मलने से दांतों के दर्द में आराम मिलता है तथा दांत मजबूत होते हैं।

मोटापा कम करने के नुस्खे

weight_control_01

25 ग्राम नींबू के रस में 25 ग्राम शहद मिलाकर 100 ग्राम गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से मोटापा दूर होता है।
एक नींबू का रस प्रतिदिन सुबह गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मोटापे की बीमारी दूर होती है।
1 नींबू का रस 250 ग्राम पानी में मिलाकर थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह-शाम 1-2 महीने तक पीएं। इससे मोटापा दूर होता है।
नींबू का 25 ग्राम रस और करेला का रस 15 ग्राम मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा नष्ट होता है।
250 ग्राम पानी में 25 ग्राम नींबू का रस और 20 ग्राम शहद मिलाकर 2 से 3 महीने तक सेवन करने से अधिक चर्बी नष्ट होती है।
1-1 कप गर्म पानी प्रतिदिन सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से शरीर की चर्बी कम होती है। इसके सेवन से चर्बी कम होने के साथ-साथ गैस, कब्ज, कोलाइटिस (आंतों की सूजन) एमोबाइसिस और कीड़े भी नष्ट होते हैं।
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

सेब और गाजर को बराबर मात्रा में कद्दूकस करके सुबह खाली पेट 200 ग्राम की मात्रा में खाने से वजन कम होता है और स्फूर्ति व सुन्दरता बढ़ती है। इसका सेवन करने के 2 घंटे बाद तक कुछ नहीं खाना चाहिए।
🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲

मूली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम शहद मिले पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापे की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
मूली के 100-150 ग्राम रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों का चूर्ण 6 ग्राम और ग्राम यवक्षार के साथ खाकर ऊपर से शहद और नींबू का रस मिला हुआ एक गिलास पानी पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
6 ग्राम मूली के बीजों के चूर्ण को 20 ग्राम शहद में मिलाकर खाने और लगभग 20 ग्राम शहद का शर्बत बनाकर 40 दिनों तक पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

120 से 240 ग्राम शहद 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुना पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से शरीर का थुलथुलापन दूर होता है।
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱

टमाटर और प्याज में थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर खाना खाने से पहले सलाद के रूप में खाने से भूख कम लगती है और मोटापा कम होता है
🍍🍍🍍🍍🍍🍍🍍🍍🍍

रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें।
इससे मोटापा जल्दी दूर होता है।

त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें।
त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
2 चम्मच त्रिफला को 1 गिलास पानी में उबालकर इच्छानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
त्रिफला का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण 1-1 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से पेट का बढ़ना कम होता है।
🍕🍕🍕🍕🍕🍕🍕🍕🍕

हरड़ 500 ग्राम, 500 ग्राम सेंधानमक व 250 ग्राम कालानमक को पीसकर इसमें 20 ग्राम ग्वारपाठे का रस मिलाकर अच्छी तरह मिलाकर सूखा लें।
यह 3 ग्राम की मात्रा में रात को गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से मोटापे के रोग में लाभ मिलता है।
🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲🌲

सोंठ, जवाखार, कांतिसार, जौ और आंवला बराबर मात्रा में लेकर पीसकर छान लें और इसमें शहद मिलाकर पीएं।
इससे मोटापे की बीमारी समाप्त हो जाती है।
सोंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, चव्य, सफेद जीरा, हींग, कालानमक और चीता बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर चूर्ण बना लें।
यह चूर्ण सुबह 6 ग्राम चूर्ण में गर्म पानी के साथ पीने से मोटापा कम होता है।
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

तिल के तेल से प्रतिदिन मालिश करने से शरीर पर बनी हुई अधिक चर्बी कम होती है।
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

100 ग्राम कुल्थी की दाल प्रतिदिन सेवन करने से चर्बी कम होती
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से शरीर का फैट (चर्बी) समाप्त होती है।
50 ग्राम पालक के रस में 15 ग्राम नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है।
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱

ईसबगोल के नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्राल नियंत्रित होता है और शरीर में अधिक चर्बी नहीं बनती।
🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

अजवायन 20 ग्राम, सेंधानमक 20 ग्राम, जीरा 20 ग्राम और कालीमिर्च 20 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट छाछ के साथ पीएं। इससे शरीर की अधिक चर्बी नष्ट होती है
🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱

चावल का गर्म-गर्म मांड लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃🍃

मोटापा कम करने में सहायक है यह स्पेशल चाय::

एक चम्मच सूखा अदरक पाउडर, आधा चम्मच धनिया पाउडर, दो चम्मच गुड़, आधा चम्मच सौंफ, एक टी बैग और एक कप पानी। सौंफ को दो मिनट पानी में उबालिए और गर्म पानी में 1 मिनट के लिए टी बैग डालें। इससे फ्लेवर आ जाएगा। और चाय का स्वाद भी कुछ बदल जाएगा जो पीने में अच्छा लगेगा। आखिर में सारे पदार्थ इसमें मिला दें और गुड़ मिलाकर इसे घोलें। जब गुड़ मिल जाए तो स्वाद के साथ पीएं
👍👍👍👍👍👍👍👍👍

अगर आप मोटापे से पीड़त है एक बार ज़रूर सलाह लें , काल ही करें सुबह 9-3

आपका हितैषी

राजिन्दर चौहान
आयुर्वेदिक उप्वैद patiala

96-46-92-97-52
99-1-44-82-4-88

एलोपैथिक के जहरीले कारोबार से बचें और आयुर्वेद अपनाएँ। सादर ।

बालो के लिए उपचार

girl-dj-black-hair
बालों के लिये २७ प्रभावशाली उपाय
1- घी खाएं और बालों के जड़ों में घी मालिश करें।
2- गेहूं के जवारे का रस पीने से भी बाल कुछ समय बाद काले हो जाते हैं।
3- तुरई या तरोई के टुकड़े कर उसे धूप मे सूखा कर कूट लें। फिर कूटे हुए मिश्रण में इतना नारियल तेल डालें कि वह डूब जाएं। इस तरह चार दिन तक उसे तेल में डूबोकर रखें फिर उबालें और छान कर बोतल भर लें। इस तेल की मालिश करें। बाल काले होंगे।
4- नींबू के रस से सिर में मालिश करने से बालों का पकना, गिरना दूर हो जाता है। नींबू के रस में पिसा हुआ सूखा आंवला मिलाकर सफेद बालों पर लेप करने से बाल काले होते हैं।
5- बर्रे(पीली) का वह छत्ता जिसकी मक्खियाँ उड़ चुकी हो 25 ग्राम, 10-15 देसी गुड़हल के पत्ते,1/2 लीटर नारियल तेल में मंद मंद आग पर उबालें सिकते-सिकते जब छत्ता काला हो जाये तो तेल को अग्नि से हटा दें. ठंडा हो जाने पर छान कर तेल को शीशी में भर लें. प्रतिदिन सिर पर इसकी हल्के हाथ से मालिश करने से बाल उग जाते हैं और गंजापन दूर होता है.
6- कुछ दिनों तक, नहाने से पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
7- नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर सिर पर लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
8- तिल का तेल भी बालों को काला करने में कारगर है।
9- आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।
10- नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
11- चाय पत्ती के उबले पानी से बाल धोएं। बाल कम गिरेंगे।
12- बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा।
13- दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) भी नहीं होगी।
12- 250 ग्राम अमरबेल को लगभग 3 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाये तो इसे उतार लें। सुबह इससे बालों को धोयें। इससे बाल लंबे होते हैं।
13- त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
14- 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो जाते हैं।
15- नीम और बेर के पत्तो को पानी के साथ पीसकर सिर पर लगा लें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं।
16- लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं।
17- सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं।
18- 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगाना चाहिए। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं।
19- शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं।
20- ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब उपलब्ध न हो तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून गिरना भी बन्द हो जाता है।
21- कपूर कचरी 100 ग्राम, नागरमोथा 100 ग्राम, कपूर तथा रीठे के फल की गिरी 40-40 ग्राम, शिकाकाई 250 ग्राम और आंवले 200 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी का चूर्ण तैयार कर लें। इस मिश्रण के 50 ग्राम चूर्ण में पानी मिलाकर लुग्दी(लेप) बनाकर बालों में लगाना चाहिए। इसके पश्चात् बालों को गरम पानी से खूब साफ कर लें। इससे सिर के अन्दर की जूं-लींकें मर जाती हैं और बाल मुलायम हो जाते हैं।
22- गुड़हल के फूलों के रस को निकालकर सिर में डालने से बाल बढ़ते हैं। 23- गुड़हल के ताजे फूलों के रस में जैतून का तेल बराबर मिलाकर आग पर पकायें, जब जल का अंश उड़ जाये तो इसे शीशी में भरकर रख लें। रोजाना नहाने के बाद इसे बालों की जड़ों में मल-मलकर लगाना चाहिए। इससे बाल चमकीले होकर लंबे हो जाते हैं।
24- बालों को छोटा करके उस स्थान पर जहां पर बाल न हों भांगरा के पत्तों के रस से मालिश करने से कुछ ही दिनों में अच्छे काले बाल निकलते हैं जिनके बाल टूटते हैं या दो मुंहे हो जाते हैं।
25- त्रिफला के चूर्ण को भांगरा के रस में 3 उबाल देकर अच्छी तरह से सुखाकर खरल यानी पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बन्द जाता है तथा इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
26- आंवलों का मोटा चूर्ण करके, चीनी के मिट्टी के प्याले में रखकर ऊपर से भांगरा का इतना डाले कि आंवले उसमें डूब जाएं। फिर इसे खरलकर सुखा लेते हैं। इसी प्रकार 7 भावनाएं (उबाल) देकर सुखा लेते हैं। प्रतिदिन 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ सेवन से करने से असमय ही बालों का सफेद होना बन्द जाता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाला, उम्र को बढ़ाने वाला लाभकारी योग है।
27- भांगरा, त्रिफला, अनन्तमूल और आम की गुठली का मिश्रण तथा 10 ग्राम मण्डूर कल्क व आधा किलो तेल को एक लीटर पानी के साथ पकायें। जब केवल तेल शेष बचे तो इसे छानकर रख लें। इसके प्रयोग से
बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।